रिक्त अब शेष नहीं
वह पहला स्थान, तुम्हें ना अब दे पाऊंगीमाफ करना ऐ चांद, रिक्त अब शेष नहींरोम रोम का हर एक कोनाउसकी चमक ,दमक,धमक ,धुन से भरा हुआ हैकिसी की हो चुकी ऐ चांद तुम्हारी न बनपाऊंगी ,रिक्त अब शेष नहीं की स्थान तुम्हें दे पाऊंगी,ऐ चांद छलावा ही समझना तुमसे मेरा प्रेम पर उससे सच्चा है जो…