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रिक्त अब शेष नहीं
वह पहला स्थान, तुम्हें ना अब दे पाऊंगीमाफ करना ऐ चांद, रिक्त अब शेष नहींरोम रोम का हर एक कोनाउसकी चमक ,दमक,धमक ,धुन से भरा
हींग लगे ना फिटकरी..
भारतीय प्रायद्वीप में शिक्षा संस्थानों के इतिहास की जब बात आती है तो सबसे पहले तक्षशिला और नालंदा जैसे शिक्षा संस्थान का जिक्र आता है।
MAHAMARI SE UTHAL PUTHAL
4- इस महामारी के भयानक दौर में रचनाकार क्या और कैसा रच रहे हैं ? खासकर चित्रकारों ने कुछ ऐसा नया किया है जिसके बारे
“प”
तुम्हारे सुरों में“प”की कमी है,शायद।।“म” के बाद ध’ से पहले,कुछ रह गया,है शायद।“प”“मै भी ठहर गई थी शायद,बिन पुछे,बिन बुलायेकैसे आ जाऊँ!!चाहती तो थी,तेरी कमी
देवालय
संसार भर में जितने देवालय हैं , वे सभी प्राथमिक रूप से देवताओं और भक्तों के मिलन स्थल रहे हैं। निर्धारित दिनों या त्योहारों में
आस में बैठी
आज जाने क्या बात हुईकभी मैंने कभी तुमने याद कियासिल-सिला कुछ बन ना पायाआज जाने क्या बात हुईखिड़की के बाहर झांकते कब शाम ढलीअंधेरे ने